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भूलकर भी दक्षिणी दिशा में न लगाएँ कैलेंडर, वास्तु के अनुसार यहाँ लगाएँ

Donot place the calendar in the southern direction, according to Vastu, place it here - Vastu Tips in Hindi

पीढिय़ों से परम्परा चलती आ रही है कि नया साल आते ही घर-आंगन में एक नया कैलेंडर लगा दिया जाता है। मोबाइल क्रांति से पहले कैलेंडर घर में महत्त्वपूर्ण चीजों में शामिल होता था, परन्तु अब यह 10 में से बमुश्किल 5 घरों में दिखाई देता है। कहा जाता है कि घर में यदि आपने पुराना कैलेंडर लगा रखा है तो वह आपकी प्रगति में रुकावट बनता है। कारण कि उस पर बीती हुई तारीखें नजर आती हैं जो व्यक्ति को बार-बार अपने अतीत की ओर खिंचती हैं। इसी के चलते जैसे ही नव वर्ष का आगमन होता है घरों में नया कैलेंडर लग जाता है। हर चीज के दो पहलू होते हैं ऐसे ही कैलेंडर का भी अपना शुभ और अशुभ प्रभाव होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि कैलेंडर आपने घर में वास्तु के नियमों के अनुसार लगाया है तो पूरे वर्ष अच्छे योग और लाभ होता है और कहीं भूलवश आपने उसे किसी गलत दिशा में लगा दिया है तो वह आपके लिए परेशानियाँ खड़ी कर सकता है। आइए डालते हैं एक नजर वास्तुशास्त्र के अनुसार कैलेंडर लगाने की दिशा पर—
इन दिशाओं में लगाएं कैलेंडर

कैलेंडर को हमेशा पूर्व, उत्तर या फिर पश्चिमी दीवार पर लगाना चाहिए। कैंलेंडर या तो सामान्य हो या फिर हंसते मुस्कराते हुए व्यक्तियों के चित्रों से भरापूरा हो। दुखी, गमगीन या फिर हिंसक जानवरों के चेहरे वाले कैलेंडर को घर में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कैलेंडर में संतों, महापुरुषों तथा भगवान के श्रीचित्र लगे हों, तो ये और अधिक पुण्यदायी और आनंददायी माना जाता है।
पूर्व दिशा में लगाने के होते हैं फायदे
पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य हैं, जो नेतृत्व के देवता हैं। इस दिशा में कैलेंडर रखना जीवन में प्रगति लाता है। इस दिशा में जिस कैलेंडर का रंग लाल या गुलाबी, साथ ही जिस पर उगते हुए सूर्य या फिर किसी देवी-देवता का चित्र हो उसको लगाना चाहिए।
उत्तर दिशा में लगे कैलेंडर से बढ़ती है सुख-समृद्धि
उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा माना जाता है। अर्थात् इस दिशा से धन वर्षा होती है। इस दिशा में इस तरह का, जिसमें आपको हरियाली, फव्वारा, नदी, समुद्र, बहते झरने या फिर किसी मांगलिक कार्य की तस्वीर वाला कैलेंडर कैलेंडर लगाना चाहिए। कैलेंडर के बैकग्राउण्ड में सफेद रंग का प्रयोग किया हो तो वह सर्वश्रेष्ठ होता है।
पश्चिम दिशा कैलेंडर लगाने की सर्वोत्तम दिशा है
ऊपर बताई गई दोनों दिशाओं से ज्यादा लाभदायक और फलदायक रहती है पश्चिम दिशा। वास्तुशास्त्र के अनुसार इस दिशा में कैलेंडर लगाने के अद्भुत फायदे प्राप्त होते हैं। पश्चिम दिशा वायु बहाव की दिशा है। पश्चिम की ओर से चलने वाली हवाओं से जिस तरह मौसम सुहाना होता है उसी तरह इस दिशा में कैलेंडर लगाने से कार्यों में तेजी आती है। व्यक्ति की कार्यक्षमता भी बढ़ती है। कैलेंडर हमेशा पश्चिम दिशा के उत्तरी कोने के ओर लगाना चाहिए।
भूलकर भी दक्षिण दिशा में न लगाएँ कैलेंडर
वास्तु के अनुसार कैलेंडर को कभी भी दक्षिण दशा में नहीं लगाना चाहिए। दक्षिण ठहराव की दिशा है। कैलेंडर समय का सूचक है। इस दिशा में कभी भी हमें घड़ी या कैलेंडर को नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह दोनों समय सूचक वस्तुएँ जो हमें समय का ज्ञान कराती हैं। दक्षिणी दिशा में लगा कैलेंडर तरक्की के अवसरों को रोकने का काम करता है। साथ ही कैलेंडर के दक्षिण दिशा में लगे होने से घर के मुखिया के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
प्रवेश द्वार से नजर नहीं आना चाहिए कैलेंडर

मुख्य दरवाजे (प्रवेश द्वार) के सामने कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए। इससे दरवाजे से गुजरने वाली ऊर्जा प्रभावित होती है। साथ ही तेज हवा चलने से कैलेंडर हिलने से पेज उलट सकते हैं, जिनको अच्छा नहीं माना जाता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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Tags: donot place the calendar in the southern direction, according to vastu, place it here, astrology in hindi
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