इनकी पूजा के पश्चात माता
ब्रह्मचारिणी की पूजा करें.
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नम:
अर्थ - हे मां! सर्वत्र विराजमान और ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रसिद्ध
अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ।
माँ दुर्गाजी का यह दूसरा स्वरूप भक्तों और सिद्धों को अनन्तफल देने वाला
है। ये भी पढ़ें - अगर सपने में दिखे ऐसी औरत, तो समझो...
इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार,
संयम की वृद्धि होती है। जीवन के कठिन संघर्षों में भी उसका मन कर्तव्य-पथ
से विचलित नहीं होता।
माँ ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से उसे सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति
होती है।
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