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चैत्र मास की अमावस्या आज, पितरों की होती है विशेष पूजा

Today is the new moon day of Chaitra month, special worship of ancestors - Puja Path in Hindi

आज 21 मार्च चैत्र मास की अमावस्या है। ये संवत 2079 का अंतिम दिन है और धर्म-कर्म के नजरिए से बहुत खास है। इस अमावस्या पर किए गए पूजा-पाठ और मंत्र जप जल्दी सफल हो सकते हैं।

ज्योतिष ग्रंथों के मुताबिक मंगलवार को जब सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में या एक-दूसरे के पास वाली राशि में स्थित होते हैं तो भौमावस्या का योग बनता है। इस दिन मंगल मिथुन राशि में रहेगा और अमावस्या के स्वामी शनि खुद की ही राशि में होंगे। जिससे इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है। मंगलवार को पडऩे वाली इस अमावस्या पर पितरों की विशेष पूजा की जाए तो परिवार के रोग, शोक और दोष खत्म हो जाते हैं। मंगलवार को अमावस्या होने से इस दिन मंगल दोष से बचने के लिए व्रत और पूजा की जाती है। इस शुभ संयोग में गुड़ या शहद का दान करने से मंगल दोष में कमी आती है। इस योग में हनुमान जी की पूजा करने से भी मंगल दोष कम होता है।

चैत्र अमावस्या पर देवी-देवताओं की पूजा के साथ ही पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण और शाम को तुलसी के पास दीप जरूर जलाना चाहिए। सुबह देवी-देवताओं का पूजन करें, दोपहर में श्राद्ध और शाम को तुलसी की पूजा करें। आज अमावस्या को पितरों का पूजन करके व्रत करने से पितृगण प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है तथा न करने से उन्हें दु:ख होता है। आज शुभ योग में पुष्य का दान करना शुभ फलदायी होता है।

सुबह घर के मंदिर में बाल गोपाल के साथ ही विष्णु जी और लक्ष्मी जी का अभिषेक करें। इसके लिए दक्षिणावर्ती शंख का उपयोग करना चाहिए। शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और भगवान को अर्पित करें। दूध चढ़ाते समय कृं कृष्णाय नम: और ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। दूध के बाद जल से भगवान का अभिषेक करें। भगवान को नए वस्त्र अर्पित करें। इत्र लगाएं। हार-फूल से श्रृंगार करें। चंदन से तिलक लगाएं। तुलसी के पत्तों के माखन-मिश्री और मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।

घर-परिवार और कुटुंब के मृत सदस्यों को पितर कहा जाता है। चैत्र अमावस्या की दोपहर गाय के गोबर से बने कंडे जलाएं और जब कंडों से धुआं निकलना बंद हो जाए, तब पितरों का ध्यान करते हुए अंगारों पर गुड़-घी डालें। गुड़-घी अर्पित करने के बाद हथेली में जल लें और अंगूठे की ओर से पितरों का ध्यान करते हुए जमीन पर छोड़ दें। इसके बाद गाय को रोटी या हरी घास खिलाएं। जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं।

सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए, लेकिन ध्यान रखें शाम को तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए। दीपक जलाकर तुलसी की परिक्रमा करें।

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Web Title-Today is the new moon day of Chaitra month, special worship of ancestors
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Tags: today is the new moon day of chaitra month, special worship of ancestors, astrology in hindi
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