अंग्रेजी कैलेंडर वर्ष के अनुसार साल 2025 का पहला और हिंदू पंचांग के अनुसार विक्रम संवत 2081 का अंतिम सूर्य ग्रहण 29 मार्च को है। तिथि मुताबिक चैत्र अमावस्या के दिन साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण है। इस ग्रहण का कोई भी असर भारत पर नहीं होगा इसलिए हमारे यहां ग्रहण और उसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
भारत में सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा
भारत में यह सूर्य ग्रहण दृष्टिगोचर नहीं होगा इसलिए इसको मान्य नहीं कहा जा सकता। सूर्य ग्रहण दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से शुरू होगा और शाम छह बजकर 16 मिनट तक रहेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है। इस बार सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी ध्रुव, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर आदि जगहों पर दिखाई देगा।
ज्योतिष अनुसार प्रभाव
सूर्य ग्रहण के अलावा इस दिन ग्रहण का ज्योतिष अनुसार गोचर परिवर्तन महत्वपूर्ण है। इस दिन शनिवार है और अमावस्या तिथि है और राशि चक्र की आखिरी राशि मीन राशि जो कि जल तत्व की राशि है और उसके स्वामी ग्रह गुरु है। वह कहते हैं कि इस दिन शनि ग्रह कुंभ से मीन राशि में गोचर करेंगे और पहले से मीन राशि में सूर्य चंद्रमा बुध शुक्र राहु मीन राशि में है और इस दिन षष्ठग्रहों के योग का असर देखने को मिलेगा।
जलीय इलाकों में गोचर से दिखेगा असर
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि राहु छाया ग्रह है और चंद्रमा गोचर में अगले दिन यानी 30 मार्च को मीन राशि से मेष राशि में चले जाएंगे। लेकिन मीन राशि में सूर्य शनि, बुध, शुक्र और राहु की युति जलीय इलाकों खासतौर से केरल पर थोड़ा प्रभाव डालेगी।
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