सूर्य पुत्र शनि न्याय प्रिय
और कर्म फलदाता हैं।
शनि का कार्य प्रकृति
में संतुलन को बनाए रखना
है इसलिए कलियुग में शनि पूजा
का बहुत महत्व है। शनि देव के बारे में कहा जाता है कि जिस व्यक्ति
पर इनकी कुदृष्टि पड़ जाए वह कभी तरक्की नहीं कर सकता। वह हमेशा परेशानियों में
घिरा रहेगा। वहीं यदि किसी जातक
की कुंडली में शनि की
साढ़े साती अथवा ढैया
चल रही है तो
उसके जीवन में कई
प्रकार की परेशानियां आती
हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को
क्रूर ग्रह कहा जाता
है। इसलिए शास्त्रों में शनि के
बुरे प्रभावों से बचने के
लिए कई उपाय बताए
गए हैं। आज हम अपने पाठकों को शनि देव की कृपा पाने के कुछ आसान
से उपाय बताने जा रहे हैं जिनकी सहायता लेकर वे शनि देव को प्रसन्न कर सकते हैं।
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हनुमान चालीसा का पाठ
हनुमान चालीसा शनि देव की
कूर दृष्टि से बचने का
अचूक उपाय है। यदि
आपकी कुंडली में ढैया या
साढ़े साती चल रही
है और आप शनि
के प्रकोप से पीड़ित हैं,
तो हनुमान चालीसा का पाठ आपके
लिए अचूक उपाय है।
श्री हनुमान चालीसा का पाठ शनि
के सभी कष्टों से
मुक्ति दिलाता है।
शनि मंत्र का जाप
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः!
उपरोक्त मंत्र शनि बीज मंत्र
है शनि देव की
क्रूर दृष्टि से बचने के
लिए और उनका आशीर्वाद
पाने के लिए इस
मंत्र का जाप करना
चाहिए।
ॐ शं शनैश्चरायै नमः!
शनि ग्रह को प्रसन्न
करने के लिए इस
मंत्र का जाप भी
कर सकते हैं।
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवंतु नः!
यह मंत्र शनि देव की
कृपा दृष्टि पाने का वैदिक
मंत्र है। इसका जाप
करने से शनि महाराज
हमारे कष्टों को दूर करते
हैं।
नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं
यमाग्रजम्।
छायामार्तण्डसम्भूतं
तं नमामि शनैश्चरम्॥
शनि की उपासना के
लिए शनि के इस
पौराणिक मंत्र का जाप करना
चाहिए।
तिल, तेल और छायापात्र
दान
तिल, तेल और छायापात्र
दान शनि देव को
अत्यन्त प्रिय हैं इसलिए इन
चीज़ों का दान शनि
ग्रह की शान्ति का
प्रमुख उपाय माना जाता
है। शास्त्रों के अनुसार इनका
दान शनि देव द्वारा
दिए जाने वाले कष्टों
को दूर करता है।
छायापात्र दान करने की
एक विधि है जो
कि बहुत ही सरल
है। इसमें मिट्टी के किसी बर्तन
में सरसों का तेल लें
और उसमें अपनी परछाई देखकर
उसे दान कर दें।
धतूरे की जड़ धारण
करें
वैदिक ज्योतिष में विभिन्न जड़ों
के माध्यम से ग्रहों की
शान्ति का विधान है।
शनि ग्रह की कृपा
दृष्टि पाने के लिए
शास्त्रों में धतूरे की
जड़ को धारण करने
की सलाह दी गई
है। धतूरे की जड़ को
गले या हाथ में
बांधकर इसको धारण किया
जा सकता है। इस
जड़ी को धारण करने
के बाद आपको शनिदेव
का आशीर्वाद प्राप्त होने लगेगा। धतूरे
की जड़ को शनिवार
के दिन शनि होरा
अथवा शनि के नक्षत्र
में धारण करना शुभ
होता है।
सात मुखी रुद्राक्ष धारण
करें
ज्योतिष शास्त्र में सात मुखी
रुद्राक्ष शनि ग्रह का
प्रतिनिधित्व करता है इसलिए
इसको धारण करने से
जातक को शनिदेव का
आशीर्वाद प्राप्त होता है और
शनि ग्रह से जनित
पीड़ा दूर होती है।
इस रुद्राक्ष को सोमवार या
शनिवार के दिन गंगा
जल से धोकर धारण
करने से शनि के
कष्टों से राहत मिलती
है।
आलेख
में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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