आज
शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन
है। इस बार तिथि वृद्धि के कारण 5 व 6 अक्टूबर को नवरात्र का तीसरा दिन ही रहेगा। इस दिन मां
दुर्गा की तीसरी शक्ति
की उपासना की जाती है।
आज माँ दुर्गा के
तीसरे स्वरूप देवी चंद्रघंटा की
पूजा की जाएगी। मां
चंद्रघंटा की आराधना करने
से घर में सुख,
शांति और समृद्धि आती
है। देवी मां के
माथे पर घंटे के
आकार का अर्धचंद्र सुशोभित
होने के कारण ही
इन्हें चंद्रघंटा के नाम से
जाना जाता है। माता
चंद्रघंटा को देवी दुर्गा
का उग्र रूप माना
जाता है। तो आइए
जानते हैं कि आज
नवरात्रि के तीसरे दिन
मां चंद्रघंटा को क्या भोग
लगाना चाहिए। साथ ही जानेंगे
पूजा मंत्र के बारे में।
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मां चंद्रघंट का वाहन सिंह है और उनके दस हाथों में से चार दाहिनी हाथों में कमल का फूल, धनुष, जप माला और तीर है और पांचवां हाथ अभय मुद्रा में रहता है, जबकि चार बाएं हाथों में त्रिशूल, गदा, कमंडल और तलवार है और पांचवा हाथ वरद मुद्रा में रहता है। मां चंद्रघंटा का यह स्वरूप भक्तों के लिए बड़ा ही कल्याणकारी है। ये सदैव अपने भक्तों की रक्षा के लिए तैयार रहती हैं। इनके घंटे की ध्वनि के आगे बड़े से बड़ा शत्रु भी नहीं टिक पाता है।
आज नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा को गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं। खीर का भोग लगाने से जातक को सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा माता चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई का भोग भी अर्पित कर सकते हैं।
आज के दिन मां चंद्रघंटा के मंत्र का जप किया जाये तो जीवन में चल रही समस्याओं का समाधान निकल जाता है। शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के मंत्र का जप अवश्य करना चाहिए।
मां चंद्रघंटा मंत्र- पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥
स्तुति- या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नोट:
इस
आलेख
में
दी
गई
जानकारियों
पर
हम
दावा
नहीं
करते
कि
ये
पूर्णतया
सत्य
है
और
सटीक
है।
इन्हें
अपनाने
से
पहले
संबंधित
क्षेत्र
के
विशेषज्ञ
की
सलाह
जरूर
लें।
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