हिंदू धर्म में नवरात्र का काफी अधिक महत्व है। नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूप की पूजा की जाती है। वहीं 5वें दिन मां स्कन्द माता की पूजा की जाती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार शिवजी और पार्वतीजी के पुत्र कार्तिकेय को स्कंद भी कहते हैं। स्कंद की माता होने से देवी को स्कंदमाता कहते हैं। कार्तिकेय को देवताओं का सेनापति बनाया गया था। कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस दिन सुबह उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद विधिवत तरीके से मां दुर्गा और नौ स्वरूपों के साथ कलश की पूजा करें। मां दुर्गा को सिंदूर, पुष्प, माला, अक्षत आदि चढ़ाएं। इसके बाद मालपुआ का भोग लगाएं और फिर जल अर्पित करें। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर मां दुर्गा चालीसा , दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इसके साथ ही इस मंत्र का करीब 108 बार जाप जरूर करें।
भोग—देवी स्कंदमाता को केले का भेाग लगाएं।
संदेश—हालात कैसे भी हों, हमें साहस बनाए रखना चाहिए।
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