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नवरात्र 2022 : तीसरे दिन की जाती है माँ चंद्रघंटा की पूजा, देवी का 3रा स्वरूप

Navratri 2022: Mother Chandraghanta is worshiped on the third day, the 3rd form of the goddess - Puja Path in Hindi

नवरात्र में माँ दुर्गा के नौ रूपों की 9 दिनों में पूजा की जाती है। पहले दिन से लेकर आखिरी दिन अर्थात् 9वें दिन तक दुर्गा के इन नौ रूपों को श्रद्धा और भक्ति के साथ याद किया जाता है। वर्ष में चार बार चैत्र, आषाढ़, आश्विन, माघ मास में नवरात्रि मनाते हैं। माघ और आषाढ़ मास की नवरात्रि गुप्त रहती हैं यानी इन दिनों में तंत्र-मंत्र से जुड़ी साधनाएँ ज्यादा की जाती हैं। चैत्र और आश्विन मास की नवरात्रि सामान्य रहती हैं। इन दिनों में सभी लोग देवी की विशेष पूजा करते हैं। चैत्र मात्र मार्च-अप्रैल में, आषाढ़ जू-जुलाई में, आश्विन सितम्बर-अक्टूबर में और माघ मास दिसम्बर-जनवरी में आता है।

देवी दुर्गा के तीसरे स्वरूप में माता के सिर पर घंटे के आकार का चन्द्र स्थापित है और हाथ में शस्त्र के रूप में घंटा रहता है, इस वजह से इन्हें चंद्रघंटा कहते हैं।

देवी का यह तीसरा रूप है। देवी का यह स्वरूप सन्तुष्टि का महत्त्व बताता है। अगर हम संतुष्ट नहीं रहेंगे तो जीवन में सुख-शांति नहीं आएगी।

नवरात्र के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस वर्ष का नवरात्र का तीसरा दिन बुधवार 28 सितम्बर को है। पूजा के दौरान देवी चंद्रघंटा को दूध और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है।

गौरतलब है कि देवी का दूसरा स्वरूप माँ ब्रह्माचारिणी का है। देवी ब्रह्मचारिणी के नाम का अर्थ है जो देवी ब्रह्मा जी द्वारा बताए गए आचरण पर चलती हैं। देवी ने हजारों सालों ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए तप किया था, इस वजह से इन्हें ब्रह्मचारिणी का नाम मिला।

नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रह्माचारिणी की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान देवी को गन्ने के रस का भोग लगाना चाहिए। देवी ब्रह्माचारिणी हमें नियम संयम से रहने की सीख देती है। वैसे भी जहाँ अनुशासन पाया जाता है वहाँ सफलता आपके कदम चुमती है। अनुशासन से हर काम सफल होता है।

ज्ञातव्य है कि देवी का पहला रूप शैलपुत्री का है। हिमालय को शैलेन्द्र और शैल भी कहा जाता है। शैल मतलब पहाड़, चट्टान। देवी दुर्गा ने पार्वती के रूप में हिमालय राज और मैना के यहाँ जन्म लिया। इस वजह से देवी को शैलपुत्री यानी हिमालय की पुत्री कहते हैं। नवरात्र के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा होती है, वहीं दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है।

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Web Title-Navratri 2022: Mother Chandraghanta is worshiped on the third day, the 3rd form of the goddess
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Tags: navratri 2022 mother chandraghanta is worshiped on the third day, the 3rd form of the goddess, astrology in hindi
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