बजरंग बली श्री हनुमानजी और शनिदेव के बीच के रिश्ते के बहुत कम लोग ही
जानते है। आपके के लिए प्रस्तुत है बालाजी और शनिदेव के क्या है रिश्ता- ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक बार महावीर हनुमान श्रीराम के किसी कार्य में व्यस्त थे। उस जगह से
शनिदेव जी गुजर रहे थे की रास्ते में उन्हें हनुमानजी दिखाई पडे। अपने
स्वभाव की वजह से शनिदेव जी को शरारत सूझी और वे उस रामकार्य में विध्न
डालने हनुमान जी के पास पहुच गये।
हनुमानजी ने शनि देव को चेतावनी दी और उन्हें ऎसा करने से रोका पर शनिदेव
जी नहीं माने। हनुमानजी ने तब शनिदेव जी को अपनी पूंछ से जकड लिया और फिर
से राम कार्य करने लगे। कार्य के दौरान वे इधर उधर खुद के कार्य कर रहे
थे। इस दौरान शनिदेवजी को बहुत सारी चोटे आई। शनिदेव ने बहुत प्रयास किया
पर बालाजी की कैद से खुद को छु़डा नहीं पाए। उन्होंने हनुमंते से बहुत
विनती की पर हनुमानजी कार्य में खोये हुए थे। जब राम कार्य खत्म हुआ तब
उन्हें शनिदेवजी का ख्याल आया और तब उन्होंने शनिदेव को आजाद किया।
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