कृष्ण ने उन्हें महल में एक
देविका के रूप में नियुक्त कर दिया, वे दिन भर महल में रहती, महल से
सम्बंधित कार्यों को देखती और जब भी मौका मिलता दूर से ही कृष्ण के दर्शन
कर लेती। इसी दौरान राधा के मन में कृष्ण से दूर हो जाने का डर सताता रहता
था, एक शाम वे महल से चुपके से निकल गई । अंतिम समय पर जब राधा को कृष्ण की
आवश्यकता पड़ी, वह अकेली थी और बस किसी भी तरह से कृष्ण को देखना चाहती
थी। यह तमन्ना उत्पन्न होते ही कृष्ण उनके सामने आ गए। कृष्ण को सामने देख
राधा काफी प्रसन्न हो गई। ये भी पढ़ें - अगर जेब में पैसा नहीं टिकता हो तो करें ये उपाय
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