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धनतेरस: सिर्फ धनतेरस पर खुलते हैं इस मंदिर के कपाट, भगवान धनवंतरि को लगता है जड़ी-बूटियों का भोग

Dhanteras: The doors of this temple open only on Dhanteras, and Lord Dhanvantari is offered herbs - Puja Path in Hindi

नई दिल्ली। देशभर में 18 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा। माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान विष्णु के अवतार भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धनतेरस के मौके पर खास तौर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है, क्योंकि उन्हें निरोग और सुख समृद्धि का देवता माना जाता है। भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जो भगवान धन्वंतरि को समर्पित हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में भगवान धन्वंतरि का अनोखा मंदिर है, जहां सिर्फ जाने मात्र से सारे रोगों का निदान हो जाता है। वाराणसी के सुड़िया में भगवान धन्वंतरि का मंदिर है, जिसे वैधराज का निजी स्थान भी माना जाता है। इस मंदिर में धनतेरस के मौके पर ही पूजा का आयोजन होता है और मंदिर के कपाट भी साल में सिर्फ एक बार धनतेरस के मौके पर खुलते हैं। एक दिन खुलने की वजह से बड़ी संख्या में भक्त रोगों से मुक्ति पाने के लिए भगवान धन्वंतरि को जड़ी-बूटी अर्पित करती है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की हिमालय पर मिलने वाली जड़ी-बूटियों से पूजा होती है। मंदिर का इतिहास भी बहुत पुराना है। मंदिर लगभग 300 साल से ज्यादा पुराना है और मंदिर में भगवान की अष्टधातु की मूर्ति मौजूद है, जिसमें भगवान हाथ में अमृत कलश, सुदर्शन चक्र और शंख लिए खड़े हैं। मूर्ति बहुत ही मनमोहक हैं। माना जाता है कि ये मंदिर देश का इकलौता मंदिर है, जहां आज धन्वंतरि भगवान अपने असल रूप में विराजमान हैं। इसी वजह से मंदिर की मान्यता पूरे देश में सबसे ज्यादा है और भक्त अपने रोगों से निजात पाने के लिए धनतेरस पर भगवान के दर्शन के लिए आते हैं।
इस मंदिर में राजवैद्य स्वर्गीय शिवकुमार शास्त्री का परिवार कई पीढ़ियों से पूजा करता आ रहा है और आज भी मंदिर और पूजन का कार्यभार उन्हीं पर है।
भगवान धन्वन्तरि को आयुर्वेद का जनक और प्रसारकर्ता माना जाता है। आयुर्वेद की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए भगवान धन्वंतरि ने उसे अष्ट-शास्त्रों में बांटा है, जिसमें भूत विद्या (मनोचिकित्सा), शल्य (सर्जरी), सायनतंत्र (रसायन विज्ञान), शालक्य (कान, नाक, गला), कौमारभृत्य (बाल रोग), वाजीकरण तंत्र (प्रजनन स्वास्थ्य), काय चिकित्सा (सामान्य चिकित्सा), और अगदतंत्र (विष विज्ञान) शामिल हैं। हमारा विज्ञान आज भी इन पद्धतियों पर चल रहा है, जिसके बारे में पहले ही भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद में लिख चुके हैं।
--आईएएनएस

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Web Title-Dhanteras: The doors of this temple open only on Dhanteras, and Lord Dhanvantari is offered herbs
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Tags: new delhi, dhanteras, samudra manthan, lord vishnu\r\n, astrology in hindi
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