नारियल को संस्कृत में श्रीफल कहते हैं। श्रीफल यानी भगवान का फल। नारियल
फोड़ने का मतलब है कि आप अपने अहंकार और स्वयं को भगवान के सामने समर्पित
कर रहे हैं। माना जाता है कि ऐसा करने पर अज्ञानता और अहंकार का कठोर कवच
टूट जाता है और ये आत्मा की शुद्धता और ज्ञान का द्वार खोलता है, जिससे
नारियल के सफेद हिस्से के रूप में देखा जाता है। कहते नारियल आपकी किस्मवत
भी बदल सकता है, आइए जानें कैसे? ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक समय हिंदू धर्म में मनुष्य और जानवरों की बलि सामान्य बात थी, तभी आदि
शंकराचार्य ने इस अमानवीय परंपरा को तोड़ा और मनुष्य के स्थान पर नारियल
चढ़ाने की शुरुआत की। नारियल कई तरह से मनुष्य के मस्तिष्क से मेल खाता है।
नारियल की जटा की तुलना मनुष्य के बालों से, कठोर कवच की तुलना मनुष्य की
खोपड़ी से और नारियल पानी की तुलना खून से की जा सकती है। साथ ही नारियल के
गूदे की तुलना मनुष्य के दिमाग से की जा सकती है। कहते हैं कि अगर किसी को
बुरी लग जाती है तो उसे नारियल की मदद से उतारा जाता है।
एक नारियल में व्यक्ति के लंबाई के बराबर के लाल धागे को नारियल पर लपेटकर
उसे उसके सिर पर सात बार उसार घुमाएं और पास के किसी जल स्रोत में बहा दें।
नजर या उतारा तुरंत दूर हो जाएगा।
कई लोग शनि की छाया के कारण जीवन
में कई तरह की परेशानियों का सामना करते हैं, खुद को शनि की छाया से दूर
करने के लिए एक नरियल, जौ और काले उडद की दाल को एक साथ ले लें। इसे सिर के
चारों को 7 बार घुमाकर नदी में बहा दें।
मंगलवार के दिन चमेली का
तेल और सिंदूर के पेस्ट से नारियल पर स्वास्तिक बनाएं। अब इसे भगवान गणेश
की प्रतिमा पर चढ़ा कर ‘ऋणमोचक स्तोत्र’ का उच्चारण करें। वित्तीय समस्या
हल होने लगेगी।
शुक्र के गोचर से तुला, धनु और कुंभ राशि के जातकों को रहना होगा संभलकर
आज का राशिफल: इन राशि वालों को रहना होगा संभल कर
आज का राशिफल: इस तरह बीतेगा महीने का आखिरी रविवार
Daily Horoscope