अक्सर
कहा जाता है कि पूर्व जन्म के संस्कार तथा कर्मों के कारण ही हमे मानव
जीवन मिलता है। क्या आप जानना चाहते हैं कि आपकी संतान का व्यक्तित्व कैसा
होगा, वह किस प्रकार की प्रवृति की होगी, तो यह खबर आपके लिए जरूरी हैै।
मान्यता है कि हमारे इस जन्म के भाई बहन या माता पिता इत्यादि भी पूर्व
जन्म के संस्कार तथा कर्मों के कारण ही मिलते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इन लोगों से हमको इस
जन्म में कुछ लेना होता है या कुछ देना। कुल मिलाकर यह मान्यता कर्म बंधन
के नियम को प्रतिपादित करती है। इसी प्रकार से यह भी माना जाता है कि इस
जन्म में जो भी बच्चा व्यक्ति की संतान के रूप में जन्म लेता है। वह उसके
पूर्वजन्म का ही कोई भाई बंधु अथवा परिजन होता है।
इस संबंध में सनातन धर्म
के ग्रंथ बहुत साफ साफ बताते हैं। इन ग्रंथों में कुछ बंधन कारक कर्मों के
बारे में लिखा हुआ है। जिनमें बंध कर ही आत्मा एक से दूसरे जन्म में अपने
ही किसी परिजनम के घर जन्म लेती है। आइए इन कर्म बंधनों के बारे में
विस्तार से जानते हैं।
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