विशेषज्ञ भी मानते हैं कि सावन के महीने में पुरुषों को ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए शुक्राणुओं का संरक्षण करना चाहिए। ये भी पढ़ें - इन कार्यो को करने से आएगी घर में परेशानी
वहीं आयुर्वेद में लिखा है कि इस महीने में गर्भ ठहरने से होने वाली संतान शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हो सकती है। इसलिए ही भारतीय संस्कृति में पर्व त्योहार की ऐसी परंपरा बनाई गई है ताकि सावन के महीने में नवविवाहित स्त्रियां मायके में रहे।
इसके साथ ही सावन के महीने में शिव की पूजा के पीछे भी यही कारण है कि
व्यक्ति काम की भावना पर विजय पा सके। भगवान शिव काम के शत्रु हैं।
कामदेव ने सावन में ही शिव पर काम का बाण चलाया था, जिससे क्रोधित होकर शिव जी ने कामदेव को भस्म कर दिया था।
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