भारतीय संस्कृति के रीति-रिवाज और
धार्मिक अनुष्ठान इस प्रकार बनाए गए हैं ताकि व्यक्ति स्वस्थ और खुशहाल
जीवन का आनंद ले सके। सावन आते ही त्यौहार शुरू हो जाते है। सावन के महीने में होने वाले पर्व त्यौहार कजरी तीज, हरियाली तीज, मधुश्रावणी, नाग
पंचमी जैसे त्यौहार मनाए जाते हैं। लेकिन सबसे अलग ये बात होती है जिन लड़कियों का रिश्ता तय हो जाता है उनके लिए यह त्यौहार सबसे बडा होता है। क्योंकि लडकी के ससुराल से सिंजारा यानी श्रृंगार का पूरा सामान आता है। लेकिन नव विवाहिताएं इस महीने में अपने पीहर चली जाती है। आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है तो हम बताते है, आइए जानते है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सावन के महीने में महिलाएं क्यों जाती है मायके... हालांकि ऐसी मान्यता
है कि सावन के महीने में नवविवाहिता स्त्रियों को अपने मायके भेज दिया
जाता है। धार्मिक और लोकमान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से पति की आयु लंबी
होती है और दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है।
धार्मिक मान्यताओं को आयुर्वेद भी
स्वीकार करता है लेकिन इसका अपना वैज्ञानिक मत है। आयुर्वेद के अनुसार
सावन के महीने में मनुष्य के अंदर रस का संचार अधिक होता है जिससे काम की
भावना बढ़ जाती है। मौसम भी इसके लिए अनुकूल होता है जिससे नवविवाहितों के
बीच अधिक सेक्स संबंध से उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है।
सुख-समृद्धि चाहिए तो सावन में महिलाएं करें ये काम...
ऐसे बीतेगा 12 राशि के जातकों का आज का दिन
चमत्कारी है कपूर, जीवन को संवारने का काम करता है यह
आज का राशिफल : ऐसे बीतेगा 12 राशि के जातकों का दिन
Daily Horoscope