जानिए हनुमानजी ने क्यों लिया था पंचमुखी अवतार ये भी पढ़ें - घर के कई वास्तु दोष दूर करती है तुलसी
रामायण
के प्रसंग के अनुरूप, लंका युद्ध के समय जब रावण के भाई अहिरावण ने अपनी
मायवी शक्ति से स्वयं भगवान श्री राम और लक्ष्मण को मूर्क्षित कर पाताल लोक
लेकर चला गया था। जहां अहिरावण ने पांच दिशाओं में पांच दिए जला रखे थे।
उसे वरदान था कि जब तक कोई इन पांचों दीपक को एक साथ नहीं बुझएगा, अहिरावण
का वध नहीं होगा। अहिरावण की इसी माया को सामाप्त करने के लिए हनुमान जी ने
पांच दिशाओं में मुख किए पंचमुखी हनुमान का अवतार लिया और पांचों दीपक को
एक साथ बुझाकर अहिरावण का वध किया। इसके फलस्वरूप भगवान राम और लक्ष्मण
उसके बंधन से मुक्त हुए।
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