हस्त लिखित कुण्ड़ली को प्राचीन समय में विद्वान बनाते थे। प्रत्येक ब्राह्मण हस्त लिखित कुण्डली का निर्माण बडे़ सरल तरीके से करता था। वही आज इन विद्वानो की संख्या में कमी आई है। इसका साफ और सीधा कारण है, कम्प्यूटराइज्ड कुण्डली जो प्राचीन हस्त लिखित शिक्षा को खत्म कर आधुनिक शिक्षा में अपने पाव पसार रही है। कम्प्यूटराइज्ड कुण्डली में उपलब्ध सारे प्रोग्राम को हस्त लिखित कुण्ड़ली में भी उकेरा जा सकता है। मगर हस्त लिखित कुण्ड़ली में मुख्य बातों का ही समावेश किया जाता है। इसलिये यह छोटी और कम पेज की होती है। कम्प्यूटराइज्ड कुण्डली में आवश्यकता से अधिक ज्योतिषीय साधन उपलब्ध होते है।
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