• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
2 of 4

Vastu Shastra : मकान बनाते समय जरूर रखें इन बातों का ध्यान, जीवन में आएगी खुशियां

सोपान या सीढ़ीभवन में सीढि़यां वास्तु नियमों के अनुरूप बनानी चाहिए। सीढि़यों का द्वार पूर्व या दक्षिण दिशा में होना शुभफलप्रद होता है। सीढि़यां भवन के पाश्र्व में दक्षिणी व पश्चिमी भाग में दाएं ओर हो, तो उत्तम है। यदि सीढि़यां घुमावदार बनानी हो, तो उनका घुमाव सदैव पूर्व से दक्षिण, दक्षिण से पश्चिम, पश्चिम से उत्तर और उत्तर से पूर्व की ओर होना चाहिए। कहने का मतलब यह है कि चढ़ते समय सीढि़यां हमेशा बाएं से दाएं ओर मुड़नी चाहिए। सीढि़यां हमेशा विषम संख्या में बनानी चाहिए। सीढि़यों की संख्या ऐसी हो कि उसे 3 से भाग दें तो 2 शेष रहे। जैसे 5, 11, 17, 23, 29 आदि की संख्या। सीढि़यों के नीचे एवं ऊपर द्वार रखने चाहिए। यदि किसी पुराने घर में सीढि़यां उत्तर-पूर्व दिशा में बनी हो, तो उसके दोष को समाप्त करने के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में एक कमरा बनाना चाहिए। वास्तु में सोपान का अहम रोल होता है।
बालकनीहवा, सूर्य प्रकाश और भवन के सौंदर्य के लिए आवासीय भवनों में बालकनी का खासा स्थान है। बालकनी भी एक प्रकार से भवन में खुले स्थान के रूप में मानी जाती है। बालकनी से सूरज कीक किरणें और प्राकृतिक हवा मिलती है। वास्तु सिद्धांतों के अनुसार बालकनी बनाई जा सकती है। यदि पूर्वोन्मुख भूखंड है, तो बालकनी उत्तर-पूर्व में उत्तर की ओर बनानी चाहिए। बालकनी उत्तर-पश्चिम में उत्तर की ओर बनानी चाहिए। यदि उत्तरोन्मुख भूखंड है, तो बालकनी उत्तर-पूर्व में उत्तर की ओर बनानी चाहिए। यदि दक्षिणोन्मुख भूखंड है, तो बालकनी दक्षिण-पूर्व में दक्षिण दिशा में बनाएं। बालकनी का स्थान भूखंड के मुख पर निर्भर है। लेकिन प्रयास यह होना चाहिए कि प्रात: कालीन सूर्य एवं प्राकृतिक हवा का प्रवेश भवन में होता रहे। ऐसा होने से मकान कई दोषों से मुक्त हो जाता है।
गैराजवाहन (कार, गाड़ी) खड़ा करने के लिए गैराज की आवश्यकता होती है। फ्लैट, बंगला या बड़े घर ( जिसके पास जगह अधिक है) में गैराज दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए। यह बात ध्यान में रखें कि गैराज में उत्तर और पूर्व की दीवार पर वजन कम होना चाहिए। यदि भूखंड पूर्वोन्मुखी है, तो दक्षिण-पूर्व दिशा में पूर्व की ओर, यदि भूखंड उत्तरोन्मुख है, तो उत्तर-पश्चिम दिशा में उत्तर की ओर, यदि भूखंड पश्चिमोन्मुख है, तो दक्षिण-पश्चिम दिशा में पश्चिम की ओर, यदि भूखंड दक्षिणोन्मुख हो, तो दक्षिण-पश्चिम दिशा में पश्चिम की ओर गैराज बनाना चाहिए।

ये भी पढ़ें - क्या होता है पितृदोष व मातृदोष

यह भी पढ़े

Web Title-Vastu Shastra: These things must be kept in mind while building a house
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: vastu shastra, these things, mind while building a house, astrology, astrology in hindi
Khaskhabar.com Facebook Page:

जीवन मंत्र

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved