श्री सर्वसिद्धि यंत्र
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सर्वसिद्धि यंत्र मंत्र सरस्वती की पूजा के लिए होता है। पढ़ाई में
एकाग्रचित्तता न बनती हो, ग्रह जनित दोषों के कारण शिक्षा में व्यवधान आता
हो, तो इस यंत्र का रविपुष्य, गुरुपुष्य नक्षत्र, बसंत पंचमी या अन्य शुभ
मुहूर्त में अनार की कलम से भोजपत्र या ताम्रपत्र पर निर्माण करें। यंत्र
की स्थापना श्वेत वस्त्र पर रखकर करें। यंत्र निर्माण पश्चात् प्रतिदिन
निम्न मंत्र का सरस्वती मां के समक्ष निम्न मंत्र का जाप करें- ऐं ह्रीं
श्रीं क्लीं सरस्वतयै बुधजन्नयै स्वाहा। श्वेत वस्त्र पहनकर श्वेत पुष्प
अर्पित कर मां सरस्वती की पूजा-अर्चना से शिक्षा में बाधा दूर होती है।
व्यापार वृद्धि यंत्र
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी, रवि या गुरुपुष्य नक्षत्र में यह यंत्र
भोजपत्र, तांबे, चांदी या स्वर्ण पत्र पर शुभ मुहूर्त में बनवाकर इसकी
पूजा-अर्चना करें। श्वेत आसन, श्वेत पुष्प, श्वेत वस्त्र का प्रयोग कर ओम
ह्रीं श्रीं नम: मंत्र की एक माला का जाप 21 या 51 दिन तक करने पर यंत्र
सिद्ध हो जाता है। इस यंत्र को तिजोरी, अलमारी या व्यापार स्थल पर रखने से
व्यापार में वृद्धि और लाभ मिलता है।
असाध्य रोग निवारक यंत्र
रवि या गुरुपुष्य नक्षत्र या किसी भी शुभ मुहूर्त में इस यंत्र को
भोजपत्र पर केसर से अनार की कलम से लिखकर गूगल की धूप देकर गले में बांधने
से असाध्य रोग नष्ट होता है।
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