ज्योतिष में शुक्र
ग्रह सबसे महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक माना गया है। शुक्र विलासिता से जुड़ा है। मंगलवार
30 मई को शाम 7.39 बजे शुक्र ग्रह चन्द्रमा की राशि कर्क में गोचर करेगा। 30 मई से
7 जुलाई सुबह 4.04 बजे तक अब शुक्र ग्रह कर्क राशि में रहेगा। इसके बाद सिंह राशि में
प्रवेश करेगा। धर्माचार्यों के अनुसार कर्क राशि के स्वामी शुक्र और चन्द्रमा दोनों
स्त्री ग्रह हैं। कर्क जल राशि है। इसी वजह से शुक्र का कर्क राशि में गोचर बारह राशियों
के लिए मध्यम माना जाता है। शुक्र ग्रह वृष और तुला राशि के स्वामी हैं। मीन में उच्च
और कन्या में नीच के होते हैं। शुक्र वृष और तुला राशि को नियंत्रित करता है। वैदिक
ज्योतिष में ग्रहों की प्रत्येक चाल सभी 12 राशियों पर अपना प्रभाव छोड़ती है। इनमें
से कुछ पर शुभ और कुछ पर अशुभ प्रभाव पड़ेगा।
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ज्योतिषियों का
कहना है कि इस गोचर के दौरान तीन राशियों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उन्हें
सम्भल कर रहना होगा। हालांकि यह असर जन्म कुंडली के अनुसार होगा। जिनकी कुंडली में
शुक्र मजबूत होगा, उन पर इसका प्रतिकूल असर नहीं होगा।
कुंभ
इन लोगों के लिए
शुक्र का गोचर कर्क राशि से छठे भाव में होगा। यह आपके सबसे अनुकूल ग्रहों में से एक
है। इस गोचर के प्रभाव से आपके विरोधी अधिक शक्तिशाली होंगे और आपको बाधित करने का
प्रयास करेंगे।
तुला
इसमें दशम भाव में
शुक्र का गोचर कर्क राशि में होगा। काम से जुड़ी राजनीत से दूर रहें और किसी भी तरह
की राजनीति में शामिल न हों, नहीं तो कार्यस्थल पर विवाद बढ़ सकता है। कार्यक्षेत्र
में समस्याएँ हो सकती हैं।
धनु
इनके लिए शुक्र
का गोचर कर्क राशि में अष्ट्म भाव में होगा। अपनी सुख सुविधाओं पर गुप्त रूप से खर्च
करने की आदत से बचें क्योंक इससे बाद में परेशानी हो सकती है। इस अवधि में किसी भी
तरह के अनैतिक व्यवहार से बचें। भविष्य में आपको परिवार के सदस्यों के साथ आलोचना का
सामना करना पड़ सकता है।
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