बुधवार सुबह सूर्य ने गुरु की राशि मीन में प्रवेश कर लिया, जिसके साथ ही मीन का मलमास शुरू हो गया है। सूर्य ने कुंभ राशि से गोचर करके मीन में बुधवार सुबह 5.47 बजे प्रवेश किया है। मलमास के दौरान 31 मार्च से देव गुरु बृहस्पति अस्त हो जाएंगे, जो 30 अप्रैल को उदय होंगे। इसके चलते अब 30 अप्रैल तक कोई मांगलिक कार्य नहीं होंगे। 1 मई से फिर से शहनाईयाँ बजने लगेंगी। सूर्य मीन राशि में प्रवेश के साथ ही देव गुरु बृहस्पति संग युति भी बनाएंगे।
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ज्योतिषिचार्यों का कहना है कि गुरु और सूर्य के संयोग के बीच मीन राशि में गुरुवार को बुध का भी आगमन होगा। इसी के साथ कुछ दिनों के लिए मीन राशि में त्रिग्रही योग बनेगा। इस दौरान जिन बच्चों का जन्म होगा, उनकी कुंडली में हमेशा के लिए त्रिग्रही योग का निर्माण हो जाएगा।
इसके साथ ही मीन राशि में पहले से ही बृहस्पति विराजमान हैं। ऐसे में मीन राशि में सूर्य और देवगुरु की युति हुई। एक माह तक मीन का मलमास रहेगा। मांगलिक कार्य, शादी-विवाह पर रोक रहेगी।
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