चैत्र
नवरात्रि के आरंभ के साथ ही बड़ी उत्सुकता से रामनवमी का इंतजार होता है।
रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी मनाया जाता है। हिंदू
धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस वर्ष
पुष्य नक्षत्र एक दिन पहले यानि 13 अप्रैल शनिवार के दिन आ रहा है, जिसके
कारण नक्षत्र के आधार पर भ्रम की स्थिति निर्मित हो रही है, और कुछ
पंडितों का मानना है कि अगर पुष्य नक्षत्र के आधार पर देखें तो रामनवमी 13
अप्रैल को मनाई जानी चाहिए।
ज्योतिषों के अनुसार विचार किया जाए, तो
14 अप्रैल रविवार के दिन नवमी तिथि आ रही है, अत: तिथि के आधार पर इसी दिन
रामनवमी का पर्व मनाया जाना चाहिए।
कुछ लोग यहां नक्षत्र के आधार
पर राम लला का जन्मोसव मना रहे हैं तो कुछ तिथि के अनुसार। यही कारण है कि
इस वर्ष रामनवमी को लेकर अलग-अलग मत देखने को मिल रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार रामनवमी 13 अप्रैल को ही मनाना शास्त्र सम्मत होगा।
इसलिए मनाई जाती है रामनवमी...
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