पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल,
पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण
कर उनसे आशीर्वाद मांगें।
शाम के समय में दीप जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र
सूक्त या पितृ स्तोत्र व नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें। इससे भी पितृ दोष की
शांति होती है। ये भी पढ़ें - तिजोरी में रखें ये फूल, नहीं होगी धन की कमी, जानें कौनसे फूल से...
सोमवार सुबह स्नान कर नंगे पैर शिव मंदिर में जाकर आक
के 21 पुष्प, कच्ची लस्सी, बिल्वपत्र के साथ शिवजी की पूजा करें। 21 सोमवार
करने से पितृदोष का प्रभाव कम होता है।
प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करने से भी पितृ दोष का शमन होता
है।
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