पितृ पक्ष 28 सितंबर तक चलेगा। पितृ पक्ष में पितरों की तृप्ति के लिए
श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इन दिनों में पितरों को पिण्ड दान तथा तिलांजलि
कर उन्हें संतुष्ट करना चाहिए। श्राद्ध के सोलह दिनों में लोग अपने पितरों
को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर श्राद्ध करते हैं। इन 16 दिनों में
कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, उपनयन संस्कार, मुंडन, गृह प्रवेश आदि
नहीं होंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष अपने पितरों
से जुड़ा पर्व है। इसमें 16 दिनों तक पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म
करते हैं। उनको भोजन और तर्पण देते हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले।
श्राद्ध से हम उन्हें सम्मान और आदर प्रकट करते हैं।
धार्मिक
मान्यताओं के अनुसार, सभी के पितर अलग होते हैं। ऐसे में उनकी श्राद्ध कर्म
भी अलग-अलग तरीके से किया जाता है। पुराण में 12 तरह के श्राद्ध बताए गए
हैं। आइए, उनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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