श्राद्ध के नियम... ये भी पढ़ें - कछुआ से लाए घर में ढेर सारी सुख और समृद्धि
पितरों के श्राद्ध के लिए कुछ नियम हैं, जिनका अनुसरण करना जरूरी है। आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं।
1.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितर लोक दक्षिण दिशा में होता है। इस वजह
से पूरा श्राद्ध कर्म करते समय आपका मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।
2. पितर की तिथि के दिन सुबह या शाम में श्राद्ध न करें, यह शास्त्रों में वर्जित है। श्राद्ध कर्म हमेशा दोपहर में करना चाहिए।
3. पितरों को तर्पण करने के समय जल में काले तिल को जरूर मिला लें। शास्त्रों में इसका महत्व बताया गया है।
4.
पितरों को जो भी भोजन दें, उसके लिए केले के पत्ते या मिट्टी के बर्तन का
इस्तेमाल करें। जो लोग इन नियमों का पालन करते हुए श्राद्ध कर्म को पूरा
करते हैं, वे स्वर्ग के भागी बनते हैं।
5. श्राद्ध कर्म के पूर्व स्नान
आदि से निवृत्त होकर व्यक्ति को सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए। ब्रह्मचर्य
का पालन करें, मांस-मदिरा का सेवन न करें। मन को शांत रखें।
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