आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इसी दिन से सर्दियों का आरम्भ माना जाता है। बता दें कि इस साल शरद पूर्णिमा रविवार के दिन 13 अक्टूबर को पड़ रही है। कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन धन-वैभव की देवी मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था, इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए। इससे खुश होकर मां लक्ष्मी अपने भक्तों को धन-समृद्धि और वैभव से भर देती हैं। उन्हें अपने जीवनकाल में कभी भी धन की कमी नहीं रहती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शास्त्रों के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात में मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होती हैं और पृथ्वीलोक का भ्रमण करती हैं। इस दौरान मां लक्ष्मी यह देखती है कि कौनसा भक्त रात्रि में जागकर उनकी पूजा अर्जना कर रहा है। मां लक्ष्मी उस जातक पर अपनी कृपा बरसाती हैं।
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