सावन मास में सोमवार का विशेष महत्व है। शिव महापुराण के अनुसार शिव की
उपासना और व्रतधारी को ब्रह्मा मुहूर्त में उठकर पानी में कुछ काले तिल
डालकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान शिव का अभिषेक जल/गंगाजल से करें।
सावन के महीने का 15 अगस्त को अंतिम दिन होगा। ये भी पढ़ें - इन बातों का रखें ध्यान, भरे रहेंगे धन के भंडार
हमारे शास्त्रों
में विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक के पूजन के निमित्त अनेक
द्रव्यों तथा पूजन सामग्री को बताया गया है। साधक रुद्राभिषेक पूजन विभिन्न
विधि से तथा विविध मनोरथ को लेकर करते हैं। किसी खास मनोरथ की पूर्ति के
लिए तदनुसार पूजन सामग्री तथा विधि से रुद्राभिषेक किया जाता है। दरअसल,
रुद्र भगवान शिव का एक प्रसिद्ध नाम है।
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