गृह कलह के यूं तो बहुत सारे कारण होते हैं, लेकिन ज्योतिष एवं वास्तु की दृष्टि से गृह कलह ग्रहों के दोषपूर्ण या अशुभ दशा होने अथवा भवन में एक या अनेक वास्तु दोष होने से भी गृह कलह उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है। ज्योतिष में गृह कलह का निवारण संभावित गृह कलह के निवारण के लिए वर-कन्या के विवाह से पहले अगर सही तरीके से कुंडली में गुणों का मिलान करवा लिया जाये तो अच्छा रहता है। फलित ज्योतिष के अनुसार मंगल, शनि और राहु ग्रहों के विभिन्न भावों में बैठे होने से उन भावों से सम्बंधित रिश्तों में मतभेद और कलह देखा जा सकता है। इसके निवारण के लिए उस दोषपूर्ण ग्रह से सम्बंधित वस्तुओं का दान करने, मंत्र जप, पूजा-पाठ, रत्न या रुद्राक्ष धारण करने से लाभ मिलता है। [ नाैकरी मिलेगी पक्की, अगर मंदिर में चढाओगे इतने फल ] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
घर-परिवार में सुख-शांति और प्रेम भाव बनाए रखने के लिए भोजन बनाते समय सबसे पहली रोटी के बराबर चार टुकड़े करके एक गाय को, दूसरा काले कुत्ते को, तीसरा कौए को खिलाना चाहिए तथा चौथा टुकड़ा किसी चौराहे पर रख देना चाहिए। घर के पूजा घर में अशोक के सात पत्ते रखें। उनके मुरझाने पर तत्काल नए पत्ते रखकर पुराने पत्ते पीपल के वृक्ष नीचे रखने से गृह कलह दूर होने लगता है।
अगर परिवार में कलह के कारण मानसिक तनाव और परेशानी हो रही हो तो एक पतंग पर अपनी परेशानी लिखकर सात दिनों तक उसे उड़ाकर छोड़ देने से समस्या का समाधान होता है। पति और पत्नी के बीच झगड़ा होता हो तो घर में विधि-विधान से स्फटिक के शिवलिंग स्थापित करके इकतालीस दिनों तक उस पर गंगा जल और बेल पत्र चढ़ाएं तथा ‘ॐ नमः शिवशक्तिस्वरूपाय मम गृहे शांति कुरु कुरु स्वाहा’ मंत्र का ग्यारह माला जप करने से झगड़ा शांत होने लगता है।
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