ज्योतिष के अनुसार जन्म पत्रिका के बाहर भावों में से हर
परिवारजन का अलग-अलग भाव होता है। व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति,
ग्रह स्वामी की स्थिति, ग्रहों के आपसी संबंध, ग्रहों की परस्पर दृष्टि,
ग्रहों के अंश आदि का प्रभाव व्यक्ति के स्वभाव पर पड़ता है। जो उस व्यक्ति
के अन्य परिवारजनों के संबंधों को प्रतिकूल या अनुकूल बनाता है। ग्रह
यंत्र उन लोगों के लिए भी उपयोगी हैं जिनके पास आपसी जन्मकुंडली अज्ञात
कारणों से उपलब्ध नहीं है। जिस परिवारजन से आप अच्छे या अनुकूल संबंध कायम
करना चाहते हैं, उनके अनुसार आप निम्न यंत्रों में से आवश्यकतानुसार कोई भी
यंत्र धारण कर सकते हैं। इन यंत्रों को भुजा या गले में संबंधित धातु पर
उत्कीर्ण कर धारण किया जा सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सूर्य यंत्र: इसे धारण कर आप पुत्र-पुत्री या प्रेमिका से मधुर संबंध प्राप्त कर सकते हैं। ताम्र या स्वर्ण के परे पर उत्कीर्ण करवा सकते हैं।
चंद्र यंत्र: इसे धारण कर मां व ससुर से अच्छे संबंध प्राप्त बना सकते हैं। इसे चांदी के पत्तरे पर उत्कीर्ण करवाना ठीक रहता है।
मंगल यंत्र: ताऊ व ससुराल से अच्छे संबंधों के लिए इसे धारण किया जा सकता है। इसे तांबे के पत्तरे पर उत्कीर्ण करवा सकते हैं।
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