वामन अवतार कथा... ये भी पढ़ें - इस मंदिर में लक्ष्मी माता के आठ रूप
एक बार भगवान विष्णु असुरों के राजा बलि के दान धर्म से
बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने बलि से वरदान मांगने के लिए कहा। तब बलि ने
उनसे पाताल लोक में बसने का वरदान मांगा। भगवान विष्णु के पाताल लोक चले
जाने से माता लक्ष्मी और सभी देवता बहुत चिंतित हुए। तब मां ने लक्ष्मी
गरीब स्त्री के वेश में पाताल लोक जाकर बलि को राखी बांधा और भगवान विष्णु
को वहां से वापस ले जाने का वचन मांगा। उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा थी।
तभी से रक्षाबंधन मनया जाता है।
बादशाह हुमायूं और कमर्वती की कथा...
रक्षाबंधन
पर हुमायूं और रानी कर्मवती की कथा सबसे अधिक याद की जाती है। कहा जाता है
कि राणा सांगा की विधवा पत्नी कर्मवती ने हुमांयू को राखी भेजकर चित्तौड़
की रक्षा करने का वचन मांगा था। हुमांयू ने भाई का धर्म निभाते हुए
चित्तौड़ पर कभी आक्रमण नहीं किया और चित्तौड़ की रक्षा के लिए उसने
बहादुरशाह से भी युद्ध किया।
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