10 जनवरी (शुक्रवार) को पौष मास की अंतिम तिथि पूर्णिमा है। इस दिन से प्रयागराज में माघ मेले की शुरूआत भी हो जायेगी। कहा जाता है कि पौष पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस तिथि को सूर्य और चंद्रमा के संगम के रूप में देखा जाता है। क्योंकि पौष के महीने में सूर्य देव की उपासना की जाती है तो पूर्णमा तिथि पर चंद्र देव की। जानें पौष पूर्णिमा व्रत का महत्व और पूजा विधि के बारे में ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पौष पूर्णिमा का महत्व : पौष माह की पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। इसके बाद तीर्थ या पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। अगर ऐसा संभव नहीं हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहाना चाहिए। इसके बाद पूरे दिन व्रत और दान का संकल्प लेना चाहिए। पौष माह की पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों और तीर्थ स्थानों पर पर स्नान करने का महत्व बताया गया है। नदी पूजा और स्नान करने से मोक्ष प्राप्त होता है।
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