दिवाली से एक दिन पहले रूप चौदस मनाया जाता है, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस तरह से दिवाली वाले दिन मां लक्ष्मी भूलोक पर आती हैं और साफ सफाई वाले घर में बस जाती हैं, उसी तरह इस दिन मां लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी भूलोक आती हैं और जिस घर में साफ सफाई की कमी होती है, उसी घर में बस जाती है। रूप चौदस की पीछे एक ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन इन कामों करने से लोग रोगों से दूर रहते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के विधि-विधान से पूजा और उपाय करने से मनुष्य नर्क में मिलने वाली यातनाओं से बच जाता है। शास्त्रों की माने तो लक्ष्मी जी वहीं वास करती हैं जहां स्वच्छाता और पवित्रता होती है। लक्ष्मी जी की प्राप्ति के लिए लोग घरों की सफाई करते हैं। नरक का अर्थ होता है गंदगी जिसका अंत करना भी बेहद आवश्यक है।
दिवाली के मौके पर लोग साफ-सफाई को बहुत महत्व देते हैं। इस मौके पर माता लक्ष्मी की गणेश जी के साथ पूजा-अर्चना होती है। लक्ष्मी-गणेश का स्वागत करने के लिए लोग अपने घरों को साफ करने में जुट जाते हैं। रंग-रोगन का काम शुरु हो जाता है। इस दौरान घरों को आकर्षक अंदाज में सजाने की परंपरा है।
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