स्नान के बाद जातक श्री हरि के मंदिर में जाकर पूजा करें।
दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और विष्णु-लक्ष्मी का अभिषेक
करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। पूजा में भगवान को
पूजन सामग्री के साथ ही मिठाई और फल-फूल भी अर्पित करें। ये भी पढ़ें - इस मंदिर में लक्ष्मी माता के आठ रूप
श्री हरि
की पूजा के बाद पितर देवताओं के लिए श्राद्ध कर्म करना चाहिए। इस दिन
जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े, तिल, कंबल आदि का दान करना सर्वश्रेष्ठ
माना जाता है।
इस दिन घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। क्लेश
नहीं करें। प्रेम से रहें। घर में स्वच्छता और शांति बनाए रखें। क्रोध से
बचें और सभी का सम्मान करें। घर के वृद्ध लोगों का आशीर्वाद लेकर शुभ काम
की शुरुआत करें।
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