ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, 149 साल पहले यानि 12 और 13 जुलाई, 1870 को
ऐसा हुआ था जब गुरु पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण एक साथ पड़े थे। उस समय
चंद्रमा शनि, राहु और केतु के साथ धनु राशि में था। साथ ही सूर्य और राहु
एक साथ मिथुन राशि में प्रवेश कर गए थे। ये भी पढ़ें - घर के कई वास्तु दोष दूर करती है तुलसी
इस बार भी 2019 में यह चंद्र ग्रहण
आषाढ़ मास की पूर्णिमा यानि गुरु पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है। गुरु
पूर्णिमा के दिन लगने वाला यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। भारत के
अलावा एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई
देगा।
ज्योतिष के अनुसार, 1870 यानि डेढ़ सदी के बाद गुरु पूर्णिमा
पर चन्द्रग्रहण का योग पड़ रहा है। तीन साल की अवधि वाले चन्द्रग्रहण का
विभिन्न राशियों के जातकों पर अच्छा तो किसी राशि पर मिश्रित प्रभाव पड़ेगा।
गुरु पूर्णिमा पर शिष्यों को सूतककाल लगने से पहले ही गुरुओं की पूजा कर
आशीर्वाद लेना शुभ होगा।
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