शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं के दर्शन मात्र से हमारे सारे पाप अक्षय पुण्य में तब्दील हो जाते है। वैसे तो सभी देवी-देवताओं के दर्शन कहीं से भी कर सकते हैं लेकिन श्रीगणेश और भगवान विष्णु की पीठ के दर्शन नहीं करना चाहिए। इसके लिए ऋषि-मुनियों ने कई नियम बनाए गए हैं। शास्त्रों की मानें तो गणेशजी और भगवान विष्णु के दर्शन पीछे से करने से पुण्य की प्राप्ति नहीं होती है। वैसे तो ये दोनों ही देव सभी दुखों का हरण करने वाले माने जाते हैं। इनके नित्य दर्शन से हमारा मन शांत रहता है और सभी कार्य सफल होते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गणेशजी को रिद्धि-सिद्धि का दाता माना गया है। हिन्दू धर्म में गणेश जी अन्य सभी देवी-देवताओं की तरह ही अधिक पूजे जाने वाले देव हैं। वे भगवान शिव एवं आदि शक्ति का रूप कही जाने वाली पार्वती के पुत्र हैं। गणेश जी विघ्नहर्ता हैं, उनकी पूजा से अनेकों लाभ होते हैं इसलिए उनका इतना महत्व है। केवल धार्मिक उद्देश्य से ही नहीं, बल्कि शास्त्रों में वैज्ञानिक पद्धति मानी गई वास्तु शास्त्र विधा में भी गणेश जी का महत्व है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के कई सारे दोष महज गणेश जी की पूजा करने से ही खत्म हो जाते हैं।
गणेशजी की पीठ पर दरिद्रता का वास
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