लोहडी उत्तर भारत का एक सबसे लोकप्रिय त्यौहार है। लोहडी को पंजाबी और
हरियाणवी लोग बहुत उल्लास से मनाते हैं। पारंपरिक तौर पर लोहडी फसल की बुआई
और उसकी कटाई से जुडा एक विशेष त्यौहार है। यह मकर संक्रान्ति के एक दिन
पहले मनाया जाता है। मकर संक्रान्ति की पूर्वसंध्या पर इस त्यौहार का
उल्लास रहता है। इन दिनों देशभर में पतंगों का ताता लगा रहता हैं। देश में
भिन्न-भिन्न मान्यताओं के साथ इन दिनों त्योहार का आनंद लिया जाता है। इस
दिन सभी अपने घरों और चौराहों के बाहर लोहड़ी जलाते हैं। आग का घेरा बनाकर
दुल्ला भट्टी की कहानी सुनाते हुए रेवड़ी, मूंगफली और लावा खाते हैं। इस
दिन सब एक-दूसरे से मिलकर इस खुशी को बाटते है।
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कब मनाया जाता हैं लोहडी का त्योहार
लोहडी
पौष माह की अंतिम रात को एवम मकर संक्राति की सुबह तक मनाया जाता हैं यह
12 अथवा 13 जनवरी को प्रति वर्ष मनाया जाता हैं। इस साल 2018 में यह
त्यौहार 13 जनवरी, दिन शनिवार को मानाया जायेगा।
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