भगवान शनिदेव की जन्म कथा ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शास्त्रों के अनुसार सूर्य की पत्नी संज्ञा की छाया के गर्भ से शनि देव का जन्म हुआ, जब शनि देव छाया के गर्भ में थे तब छाया भगवान शंकर की भक्ति में इतनी ध्यान मग्न थी, उसने अपने खाने पिने तक शुध नहीं थी जिसका प्रभाव उसके पुत्र पर पड़ा और उसका रंग काला हो गया! शनि का काला देखकर सूर्य ने अपनी पत्नी छाया पर आरोप लगाया की शनि मेरा पुत्र नहीं हैं! तभी से शनि अपने पिता से शत्रु भाव रखते थे ! शनि देव ने अपनी साधना तपस्या द्वारा शिवजी को प्रसन्न कर अपने पिता सूर्य की भाँति शक्ति प्राप्त की और शिवजी ने शनि देव को वरदान मांगने को कहा, तब शनि देव ने प्रार्थना की कि युगों युगों में मेरी माता छाया की पराजय होती रही हैं, मेरे पिता सूर्य द्वारा अनेक बार अपमानित किया गया हैं ! अतः माता की इच्छा हैं कि मेरा पुत्र अपने पिता से मेरे अपमान का बदला ले और उनसे भी ज्यादा शक्तिशाली बने ! तब भगवान शंकर ने वरदान देते हुए कहा कि नवग्रहों में तुम्हारा सर्वश्रेष्ठ स्थान होगा ! मानव तो क्या देवता भी तुम्हरे नाम से भयभीत रहेंगे!
शनिदेव का प्रकोप व कृपा
यह बात हम सभी जानते है कि शनिदेव को सबसे गुस्सैल और जिद्दी देव कहा जाता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, अगर ये किसी पर अपनी कुदृष्टि डाल देते है तो उस व्यक्ति का सर्वनाश होना तय होता है और जिस व्यक्ति पर मेहरबान हो जाए तो वो मालामाल हो जाता है।
ऐसे में आज हम आपको ऐसी ही कुछ चीजो के बारे बताने जा रहे है जिन्हे शनिवार के दिन गलती से भी घर नहीं लाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि शनिवार के दिन अगर इन चींजों को घर लाए तो शनि भगवान का प्रकोप झेलने को मिल सकता है। शनिवार को क्या-क्या नहीं घर लाना चाहिए, आइए जानते हैं।
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