वैवाहिक जीवन में आपसी तालमेल की कमी रहती है। जिन व्यक्तियों का जन्म कर्क
लग्न में हुआ है। यानी कुण्डली में पहले घर में कर्क राशि है और चन्द्रमा
इस राशि में बैठा है तो यह समझना चाहिए कि व्यक्ति पूर्वजन्म में व्यापारी
रहा होगा। वर्तमान जन्म में ऐसा व्यक्ति चंचल स्वभाव का होता है। छोटे-मोटे
उतार-चढाव के साथ यह जीवन में सफल होते हैं। लग्न स्थान में बुध की
उपस्थिति से भी यह संकेत मिलता है कि व्यक्ति पूर्व जन्म में किसी व्यापारी
के परिवार में जन्मा होगा। ऐसे व्यक्ति वर्तमान जीवन में भी व्यवसाय एवं
गणित में होशियार होता है। ये भी पढ़ें - इन पुत्रों के नाम याद करने भर से, लक्ष्मी दौडी चली आएंगी
जिनकी जन्मपत्री में मंगल छठे, सातवें या दसवें
स्थान में होता है वह पूर्वजन्म में बहुत ही क्रोधी व्यक्ति रहे होंगे।
इन्होंने अपने क्रोध के कारण कई लोगों को कष्ट पहुंचाया होगा।
इस जन्म में
ऐसे व्यक्तियों को रक्तचाप की शिकायत हो सकती है। वैवाहिक जीवन में
परेशानियों का सामना करना पड सकता है। चोट और दुर्घटना के कारण कष्ट होता
है। योग के अनुसार चित्त को स्थिर करना आवश्यक है तभी इस चित्त में बीज रूप
में संग्रहित पिछले जन्मों का ज्ञान हो सकेगा। चित्त में स्थित संस्कारों
पर संयम करने से ही पूर्वन्म का ज्ञान होता है। चित्त को स्थिर करने के लिए
सतत ध्यान क्रिया करना जरूरी है।
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