जन्म कुंडली में केमद्रुम दोष हो परन्तु चन्द्रमा के ऊपर सभी ग्रहों की दृष्टि हो तो केमद्रुम दोष के दुष्प्रभाव निष्क्रिय हो जाते हैं।
यदि
चन्द्रमा शुभस्थान (केंद्र या त्रिकोण ) में हो तथा बुद्ध, गुरु एवं शुक्र
किसी अन्य भाव में एक साथ हो तो भी केमद्रुम दोष भंग हो जाता है।
यदि दसवे भाव में उच्च राशि का चन्द्रमा केमद्रुम दोष बना
कर बैठा हो परन्तु उस पर गुरु की दृष्टि हो तो भी केमद्रुम दोष भंग माना
जायेगा।
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