गौ माता के एक आंख में सुर्य व दूसरी आंख में चन्द्र देव का वास होता है।
गाय इस धरती पर साक्षात देवता है ।
गौ माता अन्नपूर्णा देवी है कामधेनु है। मनोकामना पूर्ण करने वाली है।
गौ माता के दुध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है।
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गौ माता की पूंछ में हनुमानजी का वास होता है। किसी व्यक्ति को
बुरी नजर हो जाये तो गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है।
गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है। उस कुबड़ में सूर्य केतु
नाड़ी होती है।
रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ में हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है।
गौ माता का दूध अमृत है।
गौ माता धर्म की धुरी है। गौ माता के बिना धर्म कि कल्पना नहीं की जा सकती।
गौ माता जगत जननी है।
गौ माता पृथ्वी का रूप है।
गौ माता सर्वो देवमयी सर्वोवेदमयी है । गौ माता के बिना देवों वेदों की पूजा अधुरी है।
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