रिश्तों की डोर बहुत नाजुक होती है, फिर चाहे वह पति-पत्नी
हों, सास-बहू हों, पिता पुत्र हों या फिर भाई-भाई, इनके बीच कभी न कभी आपस
में टकराव हो ही जाता है। यदि बात नोकझोंक तक सीमित रहे तो ठीक लेकिन यदि
कलह का रूप लेने लगे तो पारिवारिक वातावरण तनावपूर्ण हो जाता है। ज्योतिष
के अनुसार जन्म पत्रिका के बाहर भावों में ग्रह और सामाजिक रिश्ते अलग-अलग
भाव से होते है। व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों ग्रह स्वामी, ग्रहों के आपसी
संबंध, ग्रहों की दृष्टि, आदि का प्रभाव व्यक्ति के संबंधों पर पड़ता है।
जो की परिवारजनों के संबंधों को अनुकूल बनाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गोचर में भी
ग्रह यदि प्रतिकूल भाव में हो तो अशुभ फल प्रदान करता है। ऐसे में ग्रहों
से संबंधित वस्तुओं का दान कर अशुभता को कम किया जा सकता है-
होली भाई दूज आज, जानिये शुभ मुहूर्त का समय
आज का राशिफल: ऐसे बीतेगा फाल्गुन माह के शुल्क पक्ष की प्रतिपदा व द्वितीया का दिन
आज का राशिफल: ऐसे बीतेगा 12 राशि के जातकों का मंगलवार 26 मार्च का दिन
Daily Horoscope