नारियल को संस्कृत में श्रीफल कहते हैं। श्रीफल यानी भगवान का फल। नारियल फोड़ने का मतलब है कि आप अपने अहंकार और स्वयं को भगवान के सामने समर्पित कर रहे हैं। माना जाता है कि ऐसा करने पर अज्ञानता और अहंकार का कठोर कवच टूट जाता है और ये आत्मा की शुद्धता और ज्ञान का द्वार खोलता है, जिससे नारियल के सफेद हिस्से के रूप में देखा जाता है। कहते नारियल आपकी किस्मवत भी बदल सकता है, आइए जानें कैसे?
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक समय हिंदू धर्म में मनुष्य और जानवरों की बलि सामान्य बात थी, तभी आदि शंकराचार्य ने इस अमानवीय परंपरा को तोड़ा और मनुष्य के स्थान पर नारियल चढ़ाने की शुरुआत की। नारियल कई तरह से मनुष्य के मस्तिष्क से मेल खाता है। नारियल की जटा की तुलना मनुष्य के बालों से, कठोर कवच की तुलना मनुष्य की खोपड़ी से और नारियल पानी की तुलना खून से की जा सकती है। साथ ही नारियल के गूदे की तुलना मनुष्य के दिमाग से की जा सकती है। कहते हैं कि अगर किसी को बुरी लग जाती है तो उसे नारियल की मदद से उतारा जाता है।
करवा चौथ 2024 पर रहेगा भद्रा का साया, जानिये पूजा का शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का समय
आज का राशिफल: ऐसे बीतेगा 12 राशि के जातकों का शारदीय पूर्णिमा का दिन
करवा चौथ के दिन कर्क राशि में गोचर करेंगे मंगल ग्रह, इन राशि के जातकों पर होगा प्रभाव
Daily Horoscope