नवरात्रि का पाँचवाँ दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। कार्तिकेय (स्कन्द) की माता होने के कारण इनको स्कंदमाता कहा जाता है। अतः इनको पद्मासना देवी भी कहा जाता है। इनकी गोद में कार्तिकेय भी बैठे हुए हैं। अतः इनकी पूजा से कार्तिकेय की पूजा स्वयं हो जाती है। मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी हैं। माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। स्कंदमाता की पूजा से होंगे लाभ ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
(1) स्कंदमाता की पूजा से संतान की प्राप्ति सरलता से हो सकती है।
(2) स्कंदमाता की पूजा में पीले फूल अर्पित करें तथा पीली चीज़ों का भोग लगाएं।
(3) इसके अलावा अगर संतान की तरफ से कोई कष्ट है तो उसका भी अंत हो सकता है।
(4) अगर पीले वस्त्र धारण किएं जाएं तो पूजा के परिणाम अति शुभ होंगे।
(5) इसके बाद जो भी प्रार्थना है, विशेषकर संतान सम्बन्धीकरें।
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