चैत्र के नवरात्र आज से (6 अप्रैल शनिवार) से शुरू हो रहे हैं। इन नौ दिनों
में पूरे विधि-विधान से मां शक्ति के नौ रूपों मां शैलपुत्री,
ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि,
महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। आज से शुरू हो रहे
चैत्र नवरात्रि 14 अप्रैल को राम नवमी के त्योहार के साथ संपन्न होंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
घट स्थापना करने का विशेष मुहूर्त...
इन
नौ दिनों मां नौ रुपों की पूजा की जाती है। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना
अच्छा रहता है। यूं तो साल में दो बार नवरात्र आते हैं लेकिन दोनों ही
नवरात्र का महत्व और पूजा विधि अलग है। इस बार कहा जा रहा है कि पांच
सर्वार्थ सिद्धि, दो रवि योग और रवि पुष्य योग का संयोग बन रहा है।
इस
बार यह भी कहा जा रहा है कि इस बार नवमी भी दो दिन मनेगी। इस साल 6 अप्रैल
शनिवार से नवरात्र शुरू हो रहे हैं। शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन
अभिजीत मुहूर्त में 6 बजकर 9 मिनट से लेकर 10 बजकर 19 मिनट के बीच घट
स्थापना करना बेहद शुभ होगा।
हिंदू कैलेंडर
के मुताबिक हर साल चैत्र महीने के पहले दिन से ही चैत्र नवरात्रि मनाई जाती
है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक यह त्योहार हर साल मार्च या अप्रैल
महीने में आता है। इस बार चैत्र नवरात्रि 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक चलेंगे।
पहले दिन से अखंड ज्योत जलाई जाती है और ये ज्योत नौ दिन तक जलती रहती है।
अखंड ज्योत के बिना मां भगवती की पूजा अधूरी होती है क्योंकि ज्योत ज्ञान,
प्रकाश, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होता है।
नवारात्रि करने की पूजा विधि...
होली भाई दूज आज, जानिये शुभ मुहूर्त का समय
आज का राशिफल: ऐसे बीतेगा फाल्गुन माह के शुल्क पक्ष की प्रतिपदा व द्वितीया का दिन
आज का राशिफल: ऐसे बीतेगा 12 राशि के जातकों का मंगलवार 26 मार्च का दिन
Daily Horoscope