भगवान को ताजे, बिना मुरझाए तथा बिना कीडों के खाए हुए फूल डंठलों सहित चढाने चाहिए। फूलों को देव मूर्ति की तरफ करके उन्हें उल्टा अर्नित करे। बेल का पत्ता भी उल्टा अर्पण करे। बेल एवं दूर्वा का अग्रभाग अपनी ओर होना चाहिए। उसे मूर्ति की तरफ न करे। तुलसीपत्र मंजरी के साथ होना चाहिए। लेकिन निमवत देवताओं के लिए कुछ फूल निषिद्ध माने गए हैं। जिनका विवरण यहां पर प्रस्तुत किया जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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