कहा जाता है कि प्राचीन काल में एक समय जब पृथ्वी पर पानी और अन्न
खत्म होने लगा जिससे चारों ओर हाहाकार मचने लगा और मनुष्य ने अन्न की
समस्या से राहत के लिए भगवान श्री ब्रह्मा जी एवं भगवान श्री विष्णु जी की
आराधना शुरू कर दी। ये भी पढ़ें - यह उपाय करने से शांत होंगे शनि दोष
अपने भक्तों की पुकार सुनकर श्री ब्रह्म देव एवं श्री
विष्णु जी ने आदिदेव भगवान शिवजी की आराधना की जिससे प्रसन्न होकर शिवजी ने
माता पार्वती से प्राणी मात्र की समस्या को दूर करने का आग्रह किया। दयालु
माता पार्वती ने माँ अन्नपूर्णा का रूप धारण करके सभी की समस्या का समाधान
कर धरती पर अन्न का भंडार भर दिया। तभी से मनुष्यों ने भी माँ अन्नपूर्णा
की पूजा आराधना शुरू कर दी।
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