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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार हिंसा त्यागने वाले जम्मू एवं कश्मीर के हर शख्स या समूह से बातचीत करने को तैयार है। उन्होंने भरोसा जताया कि युवाओं की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने यहां कमांडरों के संयुक्त सम्मेलन में कहा, ""हम अपने संविधान के दायरे में हर उस शख्स और समूह से बातचीत करने को तैयार हैं, जो हिंसा त्याग दे।"" सिंह ने कहा, ""जम्मू एवं कश्मीर में पिछले कुछ हफ्तों से जारी अशांति चिंताजनक है। कश्मीर के युवा हमारे नागरिक हैं और उनकी शिकायतें दूर होनी चाहिए।"" उन्होंने कहा, ""हमें बेहतर सेवाएं देने और राज्य की जनता की आर्थिक तरक्की के लिए अवसर उपलब्ध कराने होंगे।"" प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी सोमवार को होने वाली सुरक्षा मामलों से संबद्ध मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक से चंद घंटे पहले की। इस बैठक में कश्मीर की स्थिति और घाटी के लिए शांति पैकेज पर चर्चा होगी। सीसीएस इस बात की समीक्षा करेगी कि क्या सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) राज्य के कुछ हिस्सों से हटाया जा सकता है या नहीं। इससे पहले जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को केन्द्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें घाटी के घटनाक्रमों से अवगत कराया।
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