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इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी झोलाछाप डॉक्टरी के सिवाय कुछ नहीं है। यह मान्य चिकित्सकीय पद्धति नहीं है। इस पद्धति से रोगों का इलाज करने की अनुमति नहीं दी जा सकती तथा मानव शरीर पर रिसर्च नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने कहा है कि अनुच्छेद 21 के अन्तर्गत लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार है। गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सा पद्धति से इलाज कराने से लोगों को बचाने का राज्य सरकार का दायित्व है। अदालत ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी को प्रैक्टिस करने संबंधी याचिकाकर्ता के आवेदन निस्तारण का निर्देश देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी और चेतावनी दी है कि इस मामले को लेकर और याचिकाएं पेश न की जाएं।
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