हिन्दी सिनेमा के इतिहास में हमें समय-समय पर मजबूत महिला किरदार दिखाई दिए हैं। फिल्म निर्माताओं ने कई ऐसी फिल्मों का निर्माण किया है, जिनमें महिला किरदार ही केन्द्र में रहे हैं। बीते जमाने पर नजर डालें तो कई ऐसी फिल्में जेहन में दौडऩे लगती हैं जिनमें महिला किरदार न सिर्फ केन्द्र में अपितु चरित्र भूमिका में होते हुए भी फिल्म के नायक नायिका से ज्यादा भारी रहे हैं। उदाहरण के तौर पर नर्गिस की फिल्म मदर इंडिया, राखी की फिल्म सौंगध और रामलखन, रेखा की फिल्म खिलाडिय़ों का खिलाड़ी, सुचित्रा सेन की आंधी, विद्या बालन की डर्टी पिक्चर, ऐसी कई फिल्में हैं। अस्सी के दशक को जरूर हम अपवाद के रूप में ले सकते हैं जब फिल्मों में महिला किरदार फिर गुडिया की तरह नजर आते थे। बदलते सिनेमा में एक बार फिर से महिलाओं को केन्द्र में रखकर निर्माताओं ने कई फिल्मों का निर्माण किया है। इन फिल्मों को दर्शकों ने पसन्द भी किया और सफल भी बनाया। कोरोना काल में जब सिनेमाघर बंद थे ओटीटी प्लेटफार्म ने निर्माताओं को अपनी बात कहने का खुला विकल्प दिया जिसके फलस्वरूप गत वर्ष और इस वर्ष हमारे सामने कुछ ऐसी महिला केन्द्रित फिल्मों का पर्दापण हुआ जिन्होंने हमें झकझोर कर रख दिया। इन फिल्मों में महिलाओं का किरदार केन्द्र में था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डालते हैं एक नजर गत वर्ष व इस वर्ष प्रदर्शित हुई कुछ ऐसी फिल्मों पर जिनमें महिलाओं ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करवाई—
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