मुंबई। अभिनेत्री मल्लिका शेरावत का कहना है कि वह ऐसे विश्व को देखने की कामना करती हैं, जिसमें महिलाएं डर से आजाद रहें और उनका जीवन बंधनमुक्त हो। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
साल 2012 के निर्भया कांड मामले के आरोपियों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मृत्यु दंड की पुष्टि के एक दिन बाद मल्लिका ने ट्विटर पर एक भावुक पोस्ट जारी कर समाज में महिलाओं के सामने पेश आने वाली चुनौतियों का जिक्र किया।
सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड की पीडि़ता निर्भया का जिक्र करते हुए मल्लिका ने लिखा, ‘‘उसने महिलाओं के लिए बनाए गए नियमों से खुद को आजाद करने के लिए कड़ी मेहनत की। उसके परिजनों ने हर कदम पर उसका साथ दिया लेकिन जिन्होंने उसके साथ यह हिंसा की, उन्होंने नैतिकता और रात में घर से बाहर रहने के उसके अधिकार पर सवाल खड़े कर दिए।’’
मल्लिका ने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने इसके बाद यहां तक कहा कि वह इसी काबिल थी। दोषियों को जिस दिन फांसी दी जाएगी, उसके परिवार की लड़ाई तभी खत्म होगी, लेकिन निर्भया की आत्मा आज मुक्त हो गई।’’
महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली मल्लिका ने उस घटना का भी जिक्र किया, जिसमें 26 लड़कियों को मानव तस्करी से बचाया गया।
हरियाणा की निवासी मल्लिका ने अपने परिवार के सदस्यों के खिलाफ जाकर फिल्म जगत में कदम रखा था। उन्होंने कहा कि घर से भागने के बाद उनके अंदर हिम्मत जागी।
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